उस मकाम पर, अपने ही घर के सामने उसे मुजरा करना है।
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उस मकाम पर, अपने ही घर के सामने उसे मुजरा करना है।
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सवर्ण प्रौढ़ प्रतिष्ठित पुरुषों के बीच-सवर्ण प्रौढ़ प्रतिष्ठित पुरुषों के बीच मानवीय सार पर बात करना ऐसा ही है जैसे मुजरा करना इससे कहीं अच्छा है जंगल में रहना पत्तियां खाना और गिरगिटों से बातें करना।
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लगा कि सब कुछ कह दिया इस छोटी सी कविता ने-सवर्ण प्रौढ़ प्रतिष्ठित पुरुषों के बीच मानवीय सार पर बात करना ऐसा ही है जैसे मुजरा करना इससे कहीं अच्छा है जंगल में रहना पत्तियां खाना और गिरगिटों से बातें करना-शुभा